Read Anywhere and on Any Device!

Subscribe to Read | $0.00

Join today and start reading your favorite books for Free!

Read Anywhere and on Any Device!

  • Download on iOS
  • Download on Android
  • Download on iOS

Katha Vivechan Ka Alok

Katha Vivechan Ka Alok

Soorajn Paliwal
5/5 ( ratings)
इस किताब में कई वर्षों में लिखे गए आलेख कथापुरुषों के साथ उन महत्त्वपूर्ण कहानियों को समझने कापरायास हैम जिन्हें पाठक बार बार पढ्न चाहता है। अच्छी रचना समयानुसार अपने अलग पाठक निर्मित करती है। यह किताब उसकी जीवंतता का प्रमाण है। प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ आज के संदर्भ में जिस प्रकार उदारीकरण का नायाब पाठ प्रस्तुत करती है, इससे पहले शायद ही किसी ने सोचा हो। ये सभी आलेख कहानिकरों तथा कहानियों का केवल पुनर्मूल्यांकन भर नहीं है बल्कि ये अपने समय का पाठ प्रस्तुत करती हैं। जब हम यह मानते हैं की ये कहानियाँ आज भी उतनी ही ताजी हैं। जीतने अपने लेखन के समय थीं। इस किताब में पाठकों को हिन्दी कहानी की विकास यात्रा पढ़ने को मिलेगी।
Language
Hindi
Pages
168
Format
Hardcover
Publisher
Vani Prakashan
Release
October 24, 2022
ISBN 13
9789350004814

Katha Vivechan Ka Alok

Soorajn Paliwal
5/5 ( ratings)
इस किताब में कई वर्षों में लिखे गए आलेख कथापुरुषों के साथ उन महत्त्वपूर्ण कहानियों को समझने कापरायास हैम जिन्हें पाठक बार बार पढ्न चाहता है। अच्छी रचना समयानुसार अपने अलग पाठक निर्मित करती है। यह किताब उसकी जीवंतता का प्रमाण है। प्रेमचंद की ‘ईदगाह’ आज के संदर्भ में जिस प्रकार उदारीकरण का नायाब पाठ प्रस्तुत करती है, इससे पहले शायद ही किसी ने सोचा हो। ये सभी आलेख कहानिकरों तथा कहानियों का केवल पुनर्मूल्यांकन भर नहीं है बल्कि ये अपने समय का पाठ प्रस्तुत करती हैं। जब हम यह मानते हैं की ये कहानियाँ आज भी उतनी ही ताजी हैं। जीतने अपने लेखन के समय थीं। इस किताब में पाठकों को हिन्दी कहानी की विकास यात्रा पढ़ने को मिलेगी।
Language
Hindi
Pages
168
Format
Hardcover
Publisher
Vani Prakashan
Release
October 24, 2022
ISBN 13
9789350004814

More books from Soorajn Paliwal

Rate this book!

Write a review?

loader