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Sarvdaman (Sarvnayak, #2)

Sarvdaman (Sarvnayak, #2)

Bhakt Ranjan
0/5 ( ratings)
हर युग में मानवता पर मंडराया है भयानक खतरा! सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के सभी महानायकों का एक दिव्य महाशक्ति युगम ने कर लिया है हरण और उन्हें बांट दिया है दो दलों में! एक दल में हैं सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग के महानायक और दूसरे दल में हैं कलियुग के महानायक! दोनों दलों के महायोद्धाओं के बीच होंगी अनूठी प्रतिस्पर्धाएं और जो भी दल जीतेगा उसका ही युग ब्रह्मांड में अस्तित्व में रहेगा, दूसरे दल का युग हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा! प्रतिस्पर्धाएं शुरू हो चुकी हैं, रक्षक ही लड़ रहे हैं रक्षक से! इन खूनी लड़ाइयों के विजेता ही बचा पाएंगे अपने लोगों और अपने युग को! अति रोमांचक, रोचक और अनोखा होगा ‘एक युद्ध- एक युग’ नामक देवताओं का रचा यह रहस्यमयी महारण!
Language
Hindi
Pages
96
Format
Paperback
ISBN 13
9789332422476

Sarvdaman (Sarvnayak, #2)

Bhakt Ranjan
0/5 ( ratings)
हर युग में मानवता पर मंडराया है भयानक खतरा! सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के सभी महानायकों का एक दिव्य महाशक्ति युगम ने कर लिया है हरण और उन्हें बांट दिया है दो दलों में! एक दल में हैं सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग के महानायक और दूसरे दल में हैं कलियुग के महानायक! दोनों दलों के महायोद्धाओं के बीच होंगी अनूठी प्रतिस्पर्धाएं और जो भी दल जीतेगा उसका ही युग ब्रह्मांड में अस्तित्व में रहेगा, दूसरे दल का युग हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा! प्रतिस्पर्धाएं शुरू हो चुकी हैं, रक्षक ही लड़ रहे हैं रक्षक से! इन खूनी लड़ाइयों के विजेता ही बचा पाएंगे अपने लोगों और अपने युग को! अति रोमांचक, रोचक और अनोखा होगा ‘एक युद्ध- एक युग’ नामक देवताओं का रचा यह रहस्यमयी महारण!
Language
Hindi
Pages
96
Format
Paperback
ISBN 13
9789332422476

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