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Corona Ek Anbujh Paheli

Corona Ek Anbujh Paheli

Shambhu Prasad Singh
0/5 ( ratings)
पिछले तीन सौ साल के दौरान भारत विशेष रूप में तथा विश्व सामान्य रूप में कई संक्रामक रोगों से होनेवाली गंभीर क्षति का गवाह रहा है । इन संक्रामक रोगों के कारण वैश्विक स्तर पर जो मानवीय जान और माल की क्षति हुई वह वर्तमान कोविड19 के कारण हुई अभी तक की क्षति से से बहुत ज्यादा और भयावह है । 1896 का ब्यूबोनिक प्लेग और 1920 का स्पेनिश फ्लू, 1820 का विध्वंसक कालरा तथा 1720 का प्लेग तथा 2020 का कोविड 19 का विस्फोट - 100 साल के आवर्ती काल अंतराल के बाद मानव जाति पर प्रकृति द्वारा संक्रामक रोग के रूप में ढाए जाने वाले नियोजित कहर लगता है । केाविड19 का गुण धर्म स्वभाव स्वरूप, इसका फीचर एवं नेचर, इसके जीवन चक्र एवं काल, संक्रमण का वाहक क्या है, इसका उद्गम क्या है, करोना जनित रोग के मुख्य लक्षण क्या है, यह रोग सिम्टोमेटिक है या एसिम्पटोमेटिक, इस वायरस का जीवनकाल कितने दिनो का है - इन सारे प्रश्नों का स्पष्ट उत्तर किसी वायरल विज्ञानी या विशेषज्ञ ने अभी तक नहीं दिया है । हम सभी अंधरे में टटोल रहे है । जो हमारी पकड़ में आ जाता है उसी को प्रमाणिक मानकर करोना वायरस को पारिभाषित कर देते है । लगता है वाइरोलोजी एक विज्ञान नहीं बल्कि एक पुराण या मिथक है । इसका नाम अगर वाइरोलोजी से बदलकर ‘कोविड वायरस पुराण’ कर दिया जाय तो दुनिया को कोई आश्चर्य नहीं होगा । हर विशेषज्ञ, विज्ञानी चिन्तक और राजनेता अपनी सोच, समझ, उपलब्ध अधूरे प्रमाण तथा निहित स्वार्थ को ध्यान में रखकर एक नयी परिभाषा एवं अवधारणा को प्रवर्तित कर लेता है तथा दुनिया को एक नयी उलझन दे देता है ।
Language
Hindi
Pages
148
Format
ebook
Publisher
Evincepub Publishing
Release
December 06, 2022
ISBN 13
9789354462627

Corona Ek Anbujh Paheli

Shambhu Prasad Singh
0/5 ( ratings)
पिछले तीन सौ साल के दौरान भारत विशेष रूप में तथा विश्व सामान्य रूप में कई संक्रामक रोगों से होनेवाली गंभीर क्षति का गवाह रहा है । इन संक्रामक रोगों के कारण वैश्विक स्तर पर जो मानवीय जान और माल की क्षति हुई वह वर्तमान कोविड19 के कारण हुई अभी तक की क्षति से से बहुत ज्यादा और भयावह है । 1896 का ब्यूबोनिक प्लेग और 1920 का स्पेनिश फ्लू, 1820 का विध्वंसक कालरा तथा 1720 का प्लेग तथा 2020 का कोविड 19 का विस्फोट - 100 साल के आवर्ती काल अंतराल के बाद मानव जाति पर प्रकृति द्वारा संक्रामक रोग के रूप में ढाए जाने वाले नियोजित कहर लगता है । केाविड19 का गुण धर्म स्वभाव स्वरूप, इसका फीचर एवं नेचर, इसके जीवन चक्र एवं काल, संक्रमण का वाहक क्या है, इसका उद्गम क्या है, करोना जनित रोग के मुख्य लक्षण क्या है, यह रोग सिम्टोमेटिक है या एसिम्पटोमेटिक, इस वायरस का जीवनकाल कितने दिनो का है - इन सारे प्रश्नों का स्पष्ट उत्तर किसी वायरल विज्ञानी या विशेषज्ञ ने अभी तक नहीं दिया है । हम सभी अंधरे में टटोल रहे है । जो हमारी पकड़ में आ जाता है उसी को प्रमाणिक मानकर करोना वायरस को पारिभाषित कर देते है । लगता है वाइरोलोजी एक विज्ञान नहीं बल्कि एक पुराण या मिथक है । इसका नाम अगर वाइरोलोजी से बदलकर ‘कोविड वायरस पुराण’ कर दिया जाय तो दुनिया को कोई आश्चर्य नहीं होगा । हर विशेषज्ञ, विज्ञानी चिन्तक और राजनेता अपनी सोच, समझ, उपलब्ध अधूरे प्रमाण तथा निहित स्वार्थ को ध्यान में रखकर एक नयी परिभाषा एवं अवधारणा को प्रवर्तित कर लेता है तथा दुनिया को एक नयी उलझन दे देता है ।
Language
Hindi
Pages
148
Format
ebook
Publisher
Evincepub Publishing
Release
December 06, 2022
ISBN 13
9789354462627

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