पुलिस चम्बल के खूंखार दस्यु हलकान सिंह के पीछे लगी थी। उसका बचना मुश्किल था। ऐसे में उसे कूड़े के ढेर पर पड़ा मिला एक बच्चा जो उसका नसीब बन गया। उस बच्चे को अपनी ढाल बना कर हलकान सिंह पुलिस के चुंगुल से निकल गया।उस अनाथ बच्चे ने हलकान सिंह के अड्डे पर इतनी दरिंदगी देखी कि उसे अपराध से नफरत हो गई। वक्त बीतने के साथ ही हलकान सिंह मुंबई आ गया। मुंबई में भी उसके अपराध जारी रहे लेकिन एक नए नाम एक नए रूप में। मुंबई में वो बन बैठा था मंत्री हलकट सिंह।तभी किसी अज्ञात जुनूनी ने मंत्री हलकट सिंह की मौत का ऐलान कर दिया। मंत्री की सुरक्षा के लिये लगा दिया गया कर्फ्यू। मगर कुत्ते सी उस सूरत के मालिक को किसी कर्फ्यू का खौफ नहीं था। वो तो उस कर्फ्यू को तोड़ने का प्रण कर चुका था। तो क्या वो ऐसा कर सका? आखिर कौन था वो कुत्ते सी सूरत वाला जुनूनी?
पुलिस चम्बल के खूंखार दस्यु हलकान सिंह के पीछे लगी थी। उसका बचना मुश्किल था। ऐसे में उसे कूड़े के ढेर पर पड़ा मिला एक बच्चा जो उसका नसीब बन गया। उस बच्चे को अपनी ढाल बना कर हलकान सिंह पुलिस के चुंगुल से निकल गया।उस अनाथ बच्चे ने हलकान सिंह के अड्डे पर इतनी दरिंदगी देखी कि उसे अपराध से नफरत हो गई। वक्त बीतने के साथ ही हलकान सिंह मुंबई आ गया। मुंबई में भी उसके अपराध जारी रहे लेकिन एक नए नाम एक नए रूप में। मुंबई में वो बन बैठा था मंत्री हलकट सिंह।तभी किसी अज्ञात जुनूनी ने मंत्री हलकट सिंह की मौत का ऐलान कर दिया। मंत्री की सुरक्षा के लिये लगा दिया गया कर्फ्यू। मगर कुत्ते सी उस सूरत के मालिक को किसी कर्फ्यू का खौफ नहीं था। वो तो उस कर्फ्यू को तोड़ने का प्रण कर चुका था। तो क्या वो ऐसा कर सका? आखिर कौन था वो कुत्ते सी सूरत वाला जुनूनी?