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Adamkhor

Adamkhor

Ramashankar Nishesh
0/5 ( ratings)
आदिकाल में मनुष्य जंगलों में रहता, पशु-पक्षियों का शिकार करता, अपना जीवन-निर्वाह करता, यही जानवर प्रायः उस पर भी समय-समय पर हमला कर देते थे। इसलिए अपनी प्राण रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहना होता एवं सदैव ही सुरक्षित स्थानों की खोज में रहता था। सारांश में बिना आत्मबल एवं कठिन परिश्रम के धरती पर जीवन सम्भव नहीं था। इसलिए ये वृद्ध एवं बच्चों को छोड़ सभी सामूहिक रूप से काम करते और अधिक-से-अधिक परिश्रम करते, उसकी इस सामूहिक रूप से कार्य करने की प्रवृत्ति ने कुछ चालाक एवं चतुर लोगों ने अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए उसे अपनी दास्ता की बेड़ियों में जकड़ स्वयं को उस पर हावी होकर उसे इस्तेमाल करने लगा। इस तरह मनुष्य दो भागों में बँट गया - शोषक एवं शोषित।
Language
Hindi
Format
Hardcover
Publisher
Vani Prakashan
Release
October 22, 2022
ISBN 13
9789352294855

Adamkhor

Ramashankar Nishesh
0/5 ( ratings)
आदिकाल में मनुष्य जंगलों में रहता, पशु-पक्षियों का शिकार करता, अपना जीवन-निर्वाह करता, यही जानवर प्रायः उस पर भी समय-समय पर हमला कर देते थे। इसलिए अपनी प्राण रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहना होता एवं सदैव ही सुरक्षित स्थानों की खोज में रहता था। सारांश में बिना आत्मबल एवं कठिन परिश्रम के धरती पर जीवन सम्भव नहीं था। इसलिए ये वृद्ध एवं बच्चों को छोड़ सभी सामूहिक रूप से काम करते और अधिक-से-अधिक परिश्रम करते, उसकी इस सामूहिक रूप से कार्य करने की प्रवृत्ति ने कुछ चालाक एवं चतुर लोगों ने अपनी स्वार्थसिद्धि के लिए उसे अपनी दास्ता की बेड़ियों में जकड़ स्वयं को उस पर हावी होकर उसे इस्तेमाल करने लगा। इस तरह मनुष्य दो भागों में बँट गया - शोषक एवं शोषित।
Language
Hindi
Format
Hardcover
Publisher
Vani Prakashan
Release
October 22, 2022
ISBN 13
9789352294855

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