देवराज चौहान और मोना चौधरी आमने सामने आ चुके थे। जिस इंसान को बचाने का जिम्मा देवराज ने लिया था उसके ही अपहरण की सुपारी मोना उठा चुकी थी।
फ़कीर बाबा के अनुसार ये पहली बार नहीं था जब इन दो दिग्गजों में टकराव हुआ था। पिछले तीन जन्मों से इनके बीच टकराव होता आया था और नतीजा केवल एक था। वो था दोनो की मौत। लेकिन इस जन्म में इस टकराव का परिणाम कुछ अलग होना था। एक ने मरना था और एक ने जीना।
उनकी बात में कितनी सच्चाई थी? क्या होगा इस टकराव का नतीजा?
कौन होगा अपने मकसद में कामयाब?
देवराज चौहान और मोना चौधरी आमने सामने आ चुके थे। जिस इंसान को बचाने का जिम्मा देवराज ने लिया था उसके ही अपहरण की सुपारी मोना उठा चुकी थी।
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कौन होगा अपने मकसद में कामयाब?