पहले एक डकैती फिर दूसरी डकैती की प्लानिंग करनी पड़ी देवराज चौहान को। देवराज चौहान को तलाश थी उनके ही बीच मौजूद उस मुखबिर की जो उसकी डकैती की योजना किसी और के कानों में डाल रहा था और उसके डकैती करने से पहले ही उसी के प्लान पर ठीक उसी वक्त पर डकैती हो गई थी जब उसने डकैती करनी थी।
पहले एक डकैती फिर दूसरी डकैती की प्लानिंग करनी पड़ी देवराज चौहान को। देवराज चौहान को तलाश थी उनके ही बीच मौजूद उस मुखबिर की जो उसकी डकैती की योजना किसी और के कानों में डाल रहा था और उसके डकैती करने से पहले ही उसी के प्लान पर ठीक उसी वक्त पर डकैती हो गई थी जब उसने डकैती करनी थी।