यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें,इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।उम्मीद वह सुनहरी किरण है जो हर सुबह हमारे कानों में आ कर कह जाती है कि सब अच्छा होगा और हम तान लेते हैं अपने इंतज़ार की छतरी। इंतज़ार आस का वह पौधा है जो व्यक्ति को जीवन जीने का हौसला देती है।उम्मीद और इंतज़ार में चोली दामन का साथ है। आशा एक ऐसा भरोसा है जो प्रतीक्षा के लम्बे अंतराल को खेने की हिम्मत देती है। उम्मीद का वितान अनंत होता है तो इंतजार की अवधि भी बड़ी लचीला रुख रखती है।संग्रह की कहानी ‘स्मृतियों का भ्रमजाल’ एक लड़के की टूटती आस की व्यथा है जो समय के साथ एक सशक्त भरोसा का दूसरा नाम बनता है। वहीं दूसरी कथा ‘मिसेज़ मूर्ति का जाना’ तो इंतज़ार का ऐसा फ़साना है जिसमें जन्मों के बंधन ê
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें,इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।उम्मीद वह सुनहरी किरण है जो हर सुबह हमारे कानों में आ कर कह जाती है कि सब अच्छा होगा और हम तान लेते हैं अपने इंतज़ार की छतरी। इंतज़ार आस का वह पौधा है जो व्यक्ति को जीवन जीने का हौसला देती है।उम्मीद और इंतज़ार में चोली दामन का साथ है। आशा एक ऐसा भरोसा है जो प्रतीक्षा के लम्बे अंतराल को खेने की हिम्मत देती है। उम्मीद का वितान अनंत होता है तो इंतजार की अवधि भी बड़ी लचीला रुख रखती है।संग्रह की कहानी ‘स्मृतियों का भ्रमजाल’ एक लड़के की टूटती आस की व्यथा है जो समय के साथ एक सशक्त भरोसा का दूसरा नाम बनता है। वहीं दूसरी कथा ‘मिसेज़ मूर्ति का जाना’ तो इंतज़ार का ऐसा फ़साना है जिसमें जन्मों के बंधन ê